दादी की दी सीख से सीखो

26 April, 2024 admin

एक बार की बात है। एक गाँव में एक बुजुर्ग महिला रहती थी। जिनका नाम सुमति देवी था। सुमति देवी की उम्र लगभग 70 साल थी। लेकिन वे अब भी बहुत ही सकारात्मक सोच वाली थीं।

एक दिन, गाँव के बच्चों ने सुमति देवी से पूछा, “दादी मां, आपके पास जीवन के कोई अच्छे से सीख हैं?”

सुमति मुस्कुराईं और बोलीं, “हां, मेरी एक कहानी सुनो।”

बहुत समय पहले, एक युवक था। जिसका नाम विक्रम था। वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करता रहा। एक दिन, उसे अपने सपने को पूरा करने का मौका मिला, लेकिन उसने अपने विचारों को बाधित होने दिया। वह हार मान लिया और अपने सपने को छोड़ दिया।

इसके बाद, सुमति देवी (दादी) ने बताया, “इस कहानी की सीख है कि हमें कभी भी अपने सपनों को छोड़ने का नहीं सोचना चाहिए। जीवन में कठिनाइयाँ तो आती रहेंगी, लेकिन हमें उनका सामना करना और अपने लक्ष्यों को पूरा करना जरूर चाहिए। विक्रम ने अपनी असफलता के चलते सीखा कि हार मानना असफलता की सबसे बड़ी वजह है।”

गाँव के बच्चे इस कहानी से प्रेरित हो गए और वे समझ गए कि जीवन में सफलता पाने के लिए उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और अपने सपनों की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयास करना पड़ता है।